ای فلـک یـک مـه و سپهـر سـه اختـر |
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شیـرخـدا را خجسته همدم و همسر |
فــاطـمـــۀ دوم بـهشـــت ولایـــت |
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یــار علـی، نــایب بتـــول مطهـــر |
یـوسـف زهــرا تــوجّهش بـه تو بـانو |
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زینـب کبـری تو را صــدا زده مــادر |
ام ّبنین، مــــام شیـــــر خــداونــد |
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امّ ادب، آفتـــــاب خـــانـه حیــدر |
خـوانـده کنیـز عـزیـز فـاطمه خـود را |
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ای بــه ادب از همـه زنـان جهان سر |
بــرده بــه میراث از تو عشق و ادب را |
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حضــرت عبـاس در حضــور بـــرادر |
کــرده نثـــار قـدوم یـــوسف زهــرا |
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چــار گـل سـرخ و چـار لالــۀ پـرپـر |
ای پســـر تــو حسیــن دوم زهـــرا |
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ای بــه بنینــت ســلام آل پیمبـــر |
از همگـــان بـرتـرند خیـل شهیــدان |
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رتبـۀ عبـاس تـوست زان همـه بـرتر |
نیـست عجـب گـر که با زیـارت زهـرا |
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گـــردد اجــر زیـــارت تـــو بـرابـر |
رویـت مـــانند آفـتـــاب درخشــان |
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بختـت بـــالاتــر از سپــهــر مـدوّر |
غبطـه بـه عباس تـو بـرنـد شهیـدان |
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با همه قـدر و جـلال در صـف محشر |
زائـــر بـاب البقیــع تــوست دل مـا |
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ای نفـس جـان به تــربت تـو معطر |
روی ارادت نـهـاده ایــم بـر آن خـاک |
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حــاجت دائـم گـرفتـه ایـم از آن در |
روز وفـــات تـو گشــت شهـر مـدینه |
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محفـل انـدوه و اشک و نـاله سراسر |
کــاش کـه بـودند چـار دستـه گل تو |
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تا کـه زنند از غمت بـه سینه و بر سر |
حیـف نه عبـاس داشتـی و نه عثمـان |
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آه نـه عـون تـو بـا تـو بود نه جعفـر |
آب شـدی در فــراق یــوسـف زهــرا |
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گـرچه تـو را بــود داغ هــای مکـرر |
دوست نه تنها گریست بر تو که می زد |
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بــر دل دشمـن شـــرار آه تـــو آذر |
در کف عبـاسِ تـوست حـاجت کونین |
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گـرچـه جـدا شد ورا دو دست ز پیکر |
دست جدا گشت و دیده شد هدف تیر |
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نیـزه بـه سینـه، عمـود آهـن بـر سر |
بــر تــو و عبــاس تـو ســلام همـاره |
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ای پـدر و مــادرم فــدای تـو مــادر |